Video Transcription
क्यो लाइज़
तब भी तो मैं सोचू भी सुबह सहरे काप आत्मा की बेखोर नाँगोटे चेकाचेक वर्के भी जानूनी का पलाद बना तो वाते हुआ।
मिकल नय सारी वही मिकल बस थी।
ओहो मैं क्या देख रहा हूँ ये तो बलास को कुछ में पहना ही नहीं।
प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र पर प्रस्तुत्र �